भाजपा के 28 सांसद फिलहाल छिपे हुए हैं : कमलनाथ का दावा
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
बालाघाट : प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं में बयानबाजी तेज हो गई। अब मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। कमलनाथ ने भाजपा पर तंज कसते हुए ये बड़ा बयान दिया है।
आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बालाघाट जिले के परसवाड़ा में पत्रकार वार्ता, मंडल/ सेक्टर पदाधिकारियों की बैठक, जनसभा को संबोधित किया है। इस दौरान कमलनाथ ने आज भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा- भाजपा प्रलोभन देकर जनता को गुमराह करने के प्रयास करती है।
परसवाड़ा में संवाददाताओं से चर्चा में कमलनाथ ने कहा- बालाघाट जिले के परसवाड़ा में संवाददाताओं से चर्चा में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, भाजपा पार्टी जनता को प्रलोभन देकर लगातार गुमराह करने के प्रयास करती रहती है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा के 28 सांसद फिलहाल छिपे हुए हैं क्योंकि विगत 4 वर्षों में उन्होंने कोई कार्य नहीं किया, विकास यात्रा का 160 जगह पर विरोध होने से भाजपा एवं उनके जनप्रतिनिधियों की पोल खुल गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में आज हर क्षेत्र में व्यवस्थाएं खस्ताहाल हो चुकी हैं भर्ती व्यवस्थाओं की बात करें तो पेसा कोऑर्डिनेटर भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया , जिसने प्रदेश को लज्जित किया और आदिवासी वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ। भारतीय जनता पार्टी का प्रयास है कि कोई ना कोई प्रलोभन देकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जाए। 18 वर्षों तक बहनों की याद नहीं आई, किसानों की परेशानियां और बेरोजगारी याद नहीं आई चुनाव के पहले अपने पाप धोने के लिए यह सब घोषणा की जा रही।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया कि, हमारा संगठन लगातार जनता के संपर्क में बना हुआ है और आज प्रदेश की समझदार जनता इस बात को समझ चुकी है कि विगत वर्षों में उनके साथ कितना बड़ा धोखा किया गया है। नारी सम्मान योजना का प्रदेश भर में बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा प्रदेश की जनता कांग्रेस पर विश्वास कर रही है और यही विश्वास इस चुनाव में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
आलोक मिश्रा जी ने कल स्पष्ट कर दिया है कि प्रदीप जायसवाल को कांग्रेस में लेने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता , और उन्होंने यह वक्तव्य मुझसे सहमति लेकर ही दिया है । पेसा कानून में जो नियम बनाए गए हैं उनका क्रियान्वयन किस प्रकार किया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है इस प्रकार के गोलमोल नियम बनाकर पेसा कानून को कमजोर करने का प्रयास किया गया है।